बार कोड (Bar Code), QR कोड क्या है ? सम्पूर्ण जानकारी
बार कोड और क्यूआर कोड: सम्पूर्ण जानकारी
बार कोड (Bar Code) और क्यूआर कोड (QR Code) दोनों ही डेटा को संग्रहीत और पढ़ने के लिए उपयोग किए जाने वाले तकनीकी उपकरण हैं। ये दोनों तकनीकें उत्पादों, सेवाओं, और सूचनाओं की पहचान करने और उन्हें व्यवस्थित करने के लिए उपयोग की जाती हैं। हालाँकि, दोनों के बीच कई अंतर भी होते हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में विस्तार से।
बार कोड (Bar Code) क्या है ?
बार कोड एक मशीन द्वारा पढ़ा जाने वाला डेटा है, जो काली और सफेद पट्टियों के रूप में होता है। यह एक प्रकार का ग्राफिकल कोड है जो विभिन्न उत्पादों की पहचान करने और जानकारी संग्रहीत करने के लिए उपयोग किया जाता है। हर बार कोड का अपना एक यूनिक नंबर होता है, जो उस विशेष उत्पाद की पहचान करता है। यह नंबर प्रोडक्ट के मैन्युफैक्चरर, प्रोडक्ट का प्रकार और उसके वैरिएंट की जानकारी प्रदान करता है।
बार कोड की शुरुआत कब हुई और किसने की ?
बार कोड की शुरुआत 1949 में हुई थी, जब नॉर्मन जोसेफ वूडलैंड और बर्नार्ड सिल्वर नामक दो वैज्ञानिकों ने बार कोड का विचार प्रस्तुत किया। उन्होंने एक ऐसी प्रणाली बनाई जिससे उत्पादों की जानकारी जल्दी और सटीक रूप से प्राप्त की जा सके। 7 अक्टूबर, 1952 को उन्हें बार कोड का पहला पेटेंट मिला। सबसे पहले इसे अमेरिकी रेल्वे कंपनियों द्वारा अपने सामान की पहचान के लिए उपयोग किया गया था।
बार कोड के लाभ
1. प्रयोग में सरलता: बार कोड बहुत आसानी से पढ़ा जा सकता है। इसके लिए बस एक स्कैनर की जरूरत होती है।
2. समय की बचत: बार कोड का इस्तेमाल कर डेटा जल्दी से इकट्ठा किया जा सकता है, जिससे इन्वेंटरी मैनेजमेंट और उत्पाद ट्रैकिंग में तेजी आती है।
3. सटीकता: बार कोड प्रणाली से मैन्युअल त्रुटियों की संभावना कम हो जाती है।
4. लागत प्रभावी: बार कोड तकनीक की लागत कम होती है, क्योंकि यह कागज और प्रिंटिंग पर आधारित है।
5. डिजिटल रिकॉर्ड: बार कोड को डिजिटल रूप में पढ़कर आसानी से डाटाबेस में सहेजा जा सकता है, जिससे रिकॉर्ड मैनेजमेंट सुगम होता है।
बार कोड का उपयोग
1. रिटेल स्टोर: दुकानों में बार कोड का इस्तेमाल उत्पाद की कीमत और स्टॉक की जानकारी प्राप्त करने के लिए किया जाता है।
2. इन्वेंटरी मैनेजमेंट: गोदामों और वेयरहाउस में उत्पादों की इन्वेंटरी का रिकॉर्ड रखने के लिए बार कोड का उपयोग किया जाता है।
3. स्वास्थ्य सेवाएं: मेडिकल उपकरणों और दवाओं की पहचान के लिए बार कोड का उपयोग किया जाता है।
4. लॉजिस्टिक्स: शिपिंग और ट्रैकिंग के दौरान उत्पादों को ट्रैक करने के लिए बार कोड का उपयोग किया जाता है।
5. लाइब्रेरी: पुस्तकों की ट्रैकिंग और पहचान के लिए बार कोड का उपयोग लाइब्रेरियों में होता है।
क्यूआर कोड (QR Code) क्या है ?
क्यूआर कोड (Quick Response Code) एक दो-आयामी (2D) मैट्रिक्स कोड है, जिसमें बार कोड की तुलना में अधिक डेटा संग्रहीत किया जा सकता है। इसमें काले और सफेद चौकोर ब्लॉक्स होते हैं, जिन्हें विशेष स्कैनर या स्मार्टफोन के कैमरे द्वारा पढ़ा जा सकता है।
QR कोड का पूरा नाम Quick Response Code है, क्योंकि इसे तेजी से स्कैन करके जानकारी को एक्सेस किया जा सकता है। यह बार कोड से विकसित किया गया एक उन्नत रूप है और इसमें URL, टेक्स्ट, ईमेल, फोन नंबर आदि जैसी जानकारी आसानी से संग्रहीत की जा सकती है।
क्यूआर कोड की शुरुआत कब और किसने की ?
क्यूआर कोड की शुरुआत 1994 में जापानी ऑटोमोबाइल कंपनी Denso Wave द्वारा की गई थी। इसका आविष्कार मासाहिरो हारा ने किया था। शुरू में इसका उपयोग ऑटोमोबाइल निर्माण उद्योग में किया जाता था, जहां इसे कार के पुर्जों को ट्रैक करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। क्यूआर कोड की लोकप्रियता बढ़ते ही इसका उपयोग व्यापक रूप से होने लगा।
क्यूआर कोड के लाभ
1. अधिक डेटा स्टोरेज: बार कोड की तुलना में क्यूआर कोड में अधिक जानकारी संग्रहीत की जा सकती है।
2. स्कैन करने में तेजी: क्यूआर कोड को तेजी से स्कैन किया जा सकता है और तुरंत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।
3. मल्टी-फंक्शनल: क्यूआर कोड में टेक्स्ट, URL, ईमेल, फोन नंबर, या यहां तक कि जिओग्राफिकल लोकेशन भी स्टोर की जा सकती है।
4. फ्री में बनाएं: क्यूआर कोड बनाना आसान है और इसे बनाने के लिए कोई विशेष शुल्क नहीं होता।
5. उपयोग में सरलता: इसे किसी भी स्मार्टफोन से स्कैन किया जा सकता है, और यह आसानी से जानकारी को प्रस्तुत करता है।
क्यूआर कोड का उपयोग
1. ऑनलाइन पेमेंट: डिजिटल भुगतान के लिए क्यूआर कोड का बड़े पैमाने पर उपयोग हो रहा है, जैसे Google Pay, Paytm, और अन्य मोबाइल पेमेंट प्लेटफॉर्म्स।
2. विज्ञापन: कई कंपनियां अपने प्रोडक्ट्स के विज्ञापन में क्यूआर कोड का उपयोग करती हैं, जिससे ग्राहक सीधे वेबसाइट या एप्लिकेशन पर जा सकें।
3. टिकटिंग और बुकिंग: इवेंट्स, ट्रेन, फ्लाइट, और मूवी टिकट्स के लिए क्यूआर कोड का उपयोग किया जाता है।
4. होटल और रेस्टोरेंट्स: मेन्यू, जानकारी, और ऑनलाइन ऑर्डरिंग के लिए क्यूआर कोड का उपयोग होता है।
5. सोशल मीडिया: इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर प्रोफाइल को जल्दी एक्सेस करने के लिए क्यूआर कोड का उपयोग किया जाता है।
बार कोड और क्यूआर कोड में अंतर:
1. डेटा संग्रहण:
बार कोड: केवल संख्या या अक्षर को स्टोर करता है।
क्यूआर कोड: टेक्स्ट, URL, ईमेल, और अन्य जानकारी को स्टोर कर सकता है।
2. प्रकार:
बार कोड: 1D (एक-आयामी) होता है।
क्यूआर कोड: 2D (दो-आयामी) होता है।
3. स्कैन करने की गति:
बार कोड: अपेक्षाकृत धीमा होता है।
क्यूआर कोड: तेज़ी से स्कैन किया जा सकता है।
4. डेटा मात्रा:
बार कोड : सीमित मात्रा में डेटा स्टोर करता है।
क्यूआर कोड: अधिक डेटा स्टोर कर सकता है।
5. प्रयोग:
बार कोड: उत्पादों की ट्रैकिंग और पहचान के लिए उपयोग होता है।
क्यूआर कोड: पेमेंट, विज्ञापन, सोशल मीडिया, और टिकटिंग में उपयोग होता है।
निष्कर्ष
बार कोड और क्यूआर कोड दोनों ही आधुनिक व्यापार और प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण भाग हैं। बार कोड का उपयोग उत्पादों की ट्रैकिंग और स्टॉक मैनेजमेंट के लिए किया जाता है, जबकि क्यूआर कोड का उपयोग डिजिटल पेमेंट, विज्ञापन, और सूचना प्रदान करने के लिए किया जाता है। दोनों कोड हमारी रोजमर्रा की जिंदगी को आसान और तेज़ बनाने में मदद करते हैं।




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